Tuesday, March 07, 2023

Konkani to Hindi translated poems

Konkani to Hindi translated poems published in Hindustani Zabaan (Jan-March 2023)

कोंकणी से  हिंदी अनूदित कविताएँ, हिंदुस्तानी ज़बान (जनवरी-मार्च 2023)


Original Konkani Poetess - Aparna (Urjita) Bhobe

Hindi Translation - Aditya Sinai Bhangui




मूल कोंकणी कवयित्री - अपर्णा (उर्जिता) भोबे

हिंदी अनुवाद - आदित्य सिनाय भांगी



Poetess - Aparna Bhobe & Translator - Aditya Bhangui




Monday, December 09, 2019

रश्क-ए-क़मर का अर्थ


जन्मदिन विशेष – 9 दिसंबर
राहत फ़तह अली ख़ान का जन्म 9 दिसंबर 1974 को फ़ैसलाबाद, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। वे प्रसिद्ध सूफ़ी गायक नुसरत फ़तह अली ख़ान के भतीजे हैं राहत बॉलीवुड के प्रसिद्ध पार्श्वगायक हैं।
‘मेरे रश्क--क़मर’ यह गीत या ग़ज़ल आपने ज़रूर सुनी होगी और कानों में इसकी धुन आते ही गुनगुनाई भी होगी यह ग़ज़ल मशहूर पाकिस्तानी शायर फ़ना बुलंद शहरी ने लिखी है उनका मूल नाम मुहम्मद हनीफ़ था और फ़ना बुलंद शहरी उनका तख़ल्लुस। वे मशहूर शायर क़मर जलालवी के शिष्य थे। ग़ज़ल को पहली बार उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान ने 1988 में पेश की थी इस ग़ज़ल में शायर ने अपना तख़ल्लुस भी लिखा है जो हर शायर लिखता है पर यहाँ तख़ल्लुस फ़ना का उपयोग किया है जिसका दूसरा अर्थ मृत्यु भी होता है ऐ फ़ना शुक्र है आज बाद-ऐ-फ़ना, उसने रख ली मेरे प्यार की आबरू’ मतलब मेरे प्रियतम ने मेरी मृत्यु के बाद भी मेरी मुहब्बत को जो ज़्ज़त दी है उसके लिए मैं शुक्रगुज़ाहूँ। इस ग़ज़ल को कई रूप में गाया गया है। 2017 में रिलीज़ हुई फ़िल्म बादशाहो का गाना भी इसी ग़ज़ल पर आधारित है जिसे राहत फ़तह अली ख़ान ने गाया है।





आपके लिए मूल ग़ज़ल पेश है -
मेरे रश्क-ए-क़मर तूने पहली नज़र, जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया
र्क़-सी गिर ग काम ही कर ग, आग ऐसी लगाई मज़ा आ गया।।

जाम में घोलकर हुस्न की मस्तियाँ, चाँदनी मुस्कराई मज़ा आ गया
चाँद के साये में ऐ मेरे साक़िया, तूने ऐसी पिलाई मज़ा आ गया।।

नशा शीशे में अँगड़ाई लेने लगा, बज़्म-ए-रिंदा में साग़र खनकने लगा
कदे पे बरसने लगी मस्तियाँ, जब घटा गिर के छाई मज़ा आ गया।।

बेहिजाबाना वो सामने आ गए और जवानी जवानी से टकरा गई।
आँख उनकी लड़ी यों मेरी आँख से, देखकर ये लड़ाई मज़ा आ गया।।

आँख में थी हया हर मुलाक़ात पर, सुर्ख़ आरिज़ हुए वस्ल की बात पर
उसने शरमा के मेरे सवालात पे, ऐसे गरन झुकाई मज़ा आ गया।।
शै साहिब का ईमान बिक ही गया, देखकर हुस्न--साक़ी पिघल ही गया
आज से पहले ये कितने मगरूर थे, लूट ग पारसाई मज़ा आ गया।।

फ़ना’ शुक्र है आज बाद-ए-फ़ना, उसने रख ली मेरे प्यार की आबरू।।
अपने हाथों से उसने मेरी क़ब्र पर, चादर-ए-गुल चढ़ाई मज़ा आ गया।।


कठिन शब्दों के अर्थ -
रश्क = जलन
क़मर = चाँद
रश्क-ए-क़मर – नायिका इतनी ख़ूबसूरत है कि चाँद को भी उससे जलन होती है।
र्क़ = बिजली
साक़िया = शराब पिलाने वाला/वाली
बेहिजाबाना = बिना परदे के
हया = शरम
आरिज़ = गाल
वस्ल = मिलन
हुस्न--साक़ी = शराब पिलाने वाली का सौंदर्य
मगरूर = घमंडी
पारसाई = छूकर सोना बना देने का वरदान
चादर--गुल = फूलों की चादर


Re-typed by – Aditya Sinai Bhangui

Saturday, November 16, 2019

गोव्याचे नाव किती करणार बदनाम? - आदित्य दयानंद सिनाय भांगी (तरुण भारत, 15 नोव्हेंबर 2019)


Saturday, October 05, 2019

हिंदी की मानक गिनती - आदित्य सिनाय भांगी

हिंदी की मानक गिनती
एक से सौ तक संख्यावाचक शब्दों का मानक रूप - आदित्य दयानंद सिनाय भांगी
(स्रोत - केंद्रीय हिंदी निदेशालय)


एक से सौ तक संख्यावाचक शब्दों का मानक रूप –

संख्या
संख्यावाचक शब्दों का मानक रूप
1
एक
2
दो
3
तीन
4
चार
5
पाँच
6
छह (छः गलत)
7
सात
8
आठ
9
नौ
10
दस
11
ग्यारह
12
बारह
13
तेरह
14
चौदह
15
पंद्रह
16
सोलह
17
सत्रह
18
अठारह
19
उन्नीस
20
बीस
21
इक्कीस
22
बाईस
23
तेईस
24
चौबीस
25
पच्चीस
26
छब्बीस
27
सत्ताईस
28
अट्ठाईस
29
उनतीस
30
तीस
31
इकतीस
32
बत्तीस
33
तैंतीस
34
चौंतीस
35
पैंतीस
36
छत्तीस
37
सैंतीस
38
अड़तीस
39
उनतालीस
40
चालीस
41
इकतालीस
42
बयालीस
43
तैंतालीस
44
चवालीस
45
पैंतालीस
46
छियालीस
47
सैंतालीस
48
अड़तालीस
49
उनचास
50
पचास
51
इक्यावन
52
बावन
53
तिरपन
54
चौवन
55
पचपन
56
छप्पन
57
सतावन
58
अठावन
59
उनसठ
60
साठ
61
इकसठ
62
बासठ
63
तिरसठ
64
चौंसठ
65
पैंसठ
66
छियासठ
67
सड़सठ
68
अड़सठ
69
उनहत्तर
70
सत्तर
71
इकहत्तर
72
बहत्तर
73
तिहत्तर
74
चौहत्तर
75
पचहत्तर 
76
छिहत्तर
77
सतहत्तर
78
अठहत्तर
79
उनासी
80
अस्सी
81
इक्यासी
82
बयासी
83
तिरासी
84
चौरासी
85
पचासी
86
छियासी
87
सतासी
88
अठासी
89
नवासी
90
नब्बे
91
इक्यानवे
92
बानवे
93
तिरानवे
94
चौरानवे
95
पचानवे
96
छियानवे
97
सतानवे
98
अठानवे
99
निन्यानवे
100
सौ





क्रमसूचक संख्याएँ (Ordinal Numbers)
पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पाँचवाँ, छठा, सातवाँ, आठवाँ, नौवाँ, दसवाँ
(प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, षष्ठ (षष्ठम नहीं), सप्तम, अष्टम, नवम, दशम)

भिन्नसूचक संख्याएँ (Fractional Numbers)
एक चौथाई, आधा, पौन, सवा (सवा एक नहीं), डेढ़ (साढ़े एक नहीं), पौने दो, सवा दो, ढाई (साढ़े दो नहीं), पौने तीन, सवा तीन, साढ़े तीन आदि।